यह आसन शारीरिक और मानसिक हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है, जानें आसान विधि
निरोग रहने के लिए आपको योग करना होगा. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि योग शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी होता है. योग से शरीर के कई अंगों की समस्याएं और बीमारियों के लक्षण को भी कम करने में मदद मिलती है. यही वजह है कि आज हम आपके लिए लेकर आए हैं उत्तानासन के फायदे. इस आसन के अभ्यास के दौरान सिर आपके दिल के नीचे होता है. इससे आपके मस्तिष्क की ओर रक्त प्रवाह तेज हो जाता है और यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति अच्छे से होती है.
इस योगासन की मदद से पीठ वाले हिस्से में खिंचाव आता है और यह पैर से लेकर पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है. उत्तानासन के अभ्यास से हिप्स, हैमस्ट्रिंग और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जबकि इससे घुटने और कंधे मजबूत होते हैं. आइए इस आसन के अभ्यास का तरीका और इससे मिलने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं…
उत्तानासन के लाभ
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है.
- ये आसन पीठ, हिप्स, पिंडली और टखनों को अच्छा स्ट्रेच देता है.
- पाचन संबंधी अंगों को अच्छी मसाज देकर पाचन सुधारता है.
- उत्तानासन का अभ्यास किडनी और लिवर को सक्रिय करता है.
- दिमाग को शांत करने के साथ ही एंग्जाइटी से राहत देता है.
- सिरदर्द और इंसोम्निया की समस्या होने पर आराम देता है.
- हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, नपुंसकता, साइनोसाइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस को ठीक करता है.
उत्तानासन की विधि
- सबसे पहले किसी समतल स्थान पर योग मैट बिछा लें.
- अब इस पर खड़े हो जाएं और पैरों के बीच में एक फीट की दूरी रखें.
- अब पैरों को सीधा रखें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को नीचे की ओर ले आएं.
- इस दौरान आपको ध्यान रखना है कि आपके पैर घुटने से न मुड़ें.
- इसी अवस्था को बरकरार रखते हुए हाथों से पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें.
- इसके बाद अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं.
- अब एड़ी के ऊपरी हिस्से को (चित्रानुसार) पकड़ने की कोशिश करें.
- थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें और फिर वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं.
- अब इसी चक्र को तीन-चार बार दोहराएं
उत्तानासन के दौरान रखें ये सावधानियां
- निचली कमर में चोट होने पर इसे न करें
- हैमस्ट्रिंग में खिंचाव होने पर इसे न करें
- ग्लूकोमा या मोतियाबिंद होने पर भी इन न करें
- शुरुआत में इसे योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें.
- संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं.
- अभ्यास शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें.