महंगाई के लिए केंद्र की नीतियां जिम्मेदार, प्रधानमंत्री के रूप में मोदी हर मोर्चे पर विफल : भूपेश बघेल
रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को नागपुर प्रवास के दौरान देश में बढ़ती महंगाई के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताते हुए जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी न केवल सभी मोर्चे पर विफल हुए, बल्कि एक बार फिर साबित हो गया कि भारतीय जनता पार्टी को सरकार चलाना आता ही नहीं। भाजपा का दिल दिल्ली की सत्ता के लिए धड़कता है, लेकिन उसका दिमाग नागपुर से काम करता है। इसलिए वे भाजपा की नीतियों के बारे में बातें करने के लिए नागपुर आए हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि मोदी सरकार बहुत मायावी है,जब भी जनता के मुद्दों को लेकर सवाल किया जाता है, मोदी सरकार जनता को इमोशनल ब्लैकमेल करने लगती हैं। उसे इतना भटका देती है कि जनता अपने असली सवालों को भूल जाती है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- सवालों को भटका देने से सवाल मिट नहीं जाते, बल्कि नासूर बनकर कसकते हैं, और एक दिन फट पड़ते हैं, लेकिन अफसोस इससे नुकसान केवल और केवल जनता का होता है। सीएम बघेल ने कहा कि मोदी सरकार देश में लगातार ऐसा महौल निर्मित कर रही है कि अब लोगों का दम घुटने लगा है। किसानों को कानून की कड़ाई मार गई, व्यापारी को जीएसटी की भराई मार गई, नौजवानों को रोजगार की लड़ाई मार गई और कमजोर को दिखावे की भलाई मार गई। जिन आम लोगों को अच्छे दिन के सपने दिखाए गए थे, उन्हें मोदी की महंगाई मार गई।
सार्वजनिक संपत्तियां बेचने में ही रुचि :
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार- बहुत हुई महंगाई की मार- इस नारे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन पहले कार्यकाल में उसके नोटबंदी और जीएसटी जैसे अदूरदर्शी कदमों ने देश की अर्थव्यव्सथा को रसातल में धकेल दिया। दूसरे कार्यकाल में कोरोना से निपटने में विवेकहीन कदमों से तो उसने जनता को मार ही डाला। महंगाई न तो पहले कार्यकाल में इनकी चिंता का विषय थी और न ही दूसरे कार्यकाल में। अब तक का अनुभव यही है कि देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने में ही इनकी रुचि है, और नीतियां केवल अपने कापोर्रेट दोस्तों के लिए बना रहे हैं। इन सबका बाई-प्रोडक्ट अनिवार्य रूप से महंगाई ही है। अगले चुनाव में- बहुत हुई महंगाई की मार-गद्दी छोड़ो मोदी सरकार- ये बात तो जनता कहने ही जा रही है। मैं केवल यह कहने आया हूं कि आज हम सबकी बड़ी जवाबदारी है कि केंद्र सरकार पर ऐसा दबाव डालें कि वह कापोर्रेट-परस्त नीतियों को छोड़कर महंगाई पर अंकुश लगाने वाली नीतियां लागू करें।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में होड़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- हमारे नेता राहुल गांधी हर संकट के मौके पर सरकार को सलाह देते आए हैं, और भाजपा की ट्रोल-सेना राहुल गांधी का मजाक उड़ाती आई है। हर बार राहुल गांधी ही सही साबित हुए। राहुल गांधी वे बातें कहते रहे हैं जो गांधी, नेहरू, पटेल, सुभाष के विचार से समृद्ध कांग्रेस की विचारधारा है। इसी विचारधारा से भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, काम करने का अधिकार, सूचना का अधिकार जैसे कानून और मनरेगा जैसी योजनाएं बनती हैं। यही योजनाएं और कानून आम जनता का सबसे बड़ा सहारा है। मोदी सरकार 2014 में पहली बार सत्ता में आई थी, तब ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 93 डालर प्रति बेरल थी। उस समय पेट्रोल की कीमत 71 रुपए और डीजल की कीमत 57 रुपए प्रति लीटर के करीब थी। आज सात साल के बाद कच्चे तेल की कीमत 30 डालर प्रति बेरल कम होकर 63 डालर के आसपास है। फिर भी पेट्रोल सेंचुरी बना रहा है और डीजल उसके पीछे-पीछे भाग रहा है। मोदी सरकार के अभी तक के कार्यकाल में पेट्रोल के दाम में 26 फीसदी और डीजल के दाम में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। इससे साबित होता है कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई है। अर्थव्यवस्था इतनी चौपट हो गई है कि अब इससे उबरना मुश्किल हो गया है। यही स्थिति रही तो आने वाले तीन सालों में और बुरे दिन देखने को मिलेंगे।
अमीर और अधिक अमीर, गरीब और ज्यादा गरीब हो रहे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ईंधन के क्षेत्र में महंगाई दर 37.6 प्रतिशत के आसपास है। मांग नहीं है, फिर भी महंगाई बढ़ रही है। यह महंगाई सामानों और सेवाओं में लागत बढ़ने की वजह से बढ़ रही है। इसलिए इसे कास्ट पुल इन्फ्लेशन कहा जाता है। इससे अमीर और अधिक अमीर तथा गरीब और अधिक गरीब होते जा रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार सरकार की नीतियां होती हैं। बीते एक साल में महंगाई के कारण आय और खर्च की क्षमता घटने से देश की 97 प्रतिशत आबादी गरीब हुई है। यह तस्वीर विनाशकारी है।
छत्तीसगढ़ की ओर से किए गए उपायों को किया गया कॉपी-पेस्ट
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा कि कोरोना संकट के समय प्रधानमंत्री से बैठकें हुईं। उनकी बैठकें वन-वे हुआ करती हैं, लेकिन हमारी कुछ बातें बाद में मानी गईं। पहले लॉकडाउन के समय छत्तीसगढ़ की ओर से किए गए उपायों को कापी-पेस्ट करके पूरे देश में लागू किया गया। कोरोना के उपचार से संबंधित उपकरणों पर जीएसटी लगाए जाने के मामले को सबसे पहले मैंने मीटिंग में उठाया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा, उसके बाद जीएसटी की दरों में कमी आई। पहले लॉकडाउन के समय छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन महीने तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा की, बाद में केंद्र ने भी घोषणा की। दूसरी लहर के समय हमने दो माह का राशन देने की घोषणा की, बाद में भारत सरकार ने भी घोषणा की।
राहुल गांधी की चेतवानी हमेशा सच हुई :
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी बातों को हमेशा बाद में माना जाता है। राहुल गांधी ने कहा था कि नमस्ते ट्रंप मत कीजिए, गंभीर संकट आने वाला है,उस समय हंसी उड़ाई गई। बाद में यह बात सच साबित हुई। राहुल गांधी ने कहा कि आर्थिक संकट की सुनामी आएगी। उस समय भी उन्हें ट्रोल किया गया। भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार उत्पादक राज्यों को जीएसटी के उनके हिस्से का पैसा दे नहीं पा रही है, उल्टे कर्ज लेने के लिए प्रेरित कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सेंट्रल एक्साइज और जीएसटी मिलाकर 36,000 करोड़ का बेकलाग है। भारत सरकार यह पैसा दे दे तो हमें कर्ज लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।