ग्रामीणों ने सरपंच पर लगाया कम्पनी से सांठगांठ कर लंबी रकम लेने का आरोप, आक्रोशित होकर पंचायत भवन का किया घेराव
रायपुर. राजधानी से सटा,तिल्दा नेवरा/ ग्राम सरोरा में संभव इस्पात पावर लिमिटेड के विस्तारीकरण हेतु जनसुनवाई पंचायत भवन सरोरा में रखा गया था। जनसुनवाई की जानकारी सरपंच बिहारी राम वर्मा के द्वारा ग्रामीणों को नहीं दिया गया था और न ही इसकी मुनियादि गांव में कराई गई थी। ग्रामीणों को इसकी कोई जानकारी नही थी। जब ग्रामीणों को पता चला कि गांव में आज सम्भव कंपनी के विषय में जनसुनवाई हैं। इतना सुनते ही ग्रामीणों का सरपंच के प्रति ग़ुस्सा फूटने लगा और ग्रामीण धीरे धीरे पंचायत भवन को घेर लिया और कंपनी से सांठ गांठ कर लंबी रकम लेने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि बिहारी राम वर्मा वन विभाग में शासकीय नौकरी में था रिटायर होने के बाद सरपंच चुनाव लड़ा । हम लोगों ने पढ़ा लिखा व्यक्ति है अच्छा काम करेगा , गाँव का विकास करेगा यह सोचकर इसे सरपंच बनाए है लेकिन यह बहुत बड़ा गद्दार निकला।
महिंद्रा, हाईटेक, संभव तीनों कंपनी में सांठ गांठ कर अपने रिश्तेदारों को नौकरी में लगाया है और तीनों कंपनी का दलाली खा रहा है। हमे आक्रोश कम्पनी के प्रति कम,सरपंच के ऊपर ज्यादा है क्योकि वह गांव वालों के साथ विश्वासघात किया है। गांव वाले को काम काज का किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दिया जाता। अपनी मनमर्जी से पंचायत की राशि एवं कंपनी से मिली सी.एस. आर की राशि को खर्च करता है जिसका कोई हिसाब नही है । महिंद्रा कंपनी की जनसुनवाई में सरपंच ने कंपनी का खुलकर बहुत विरोध किया था और अपने भाषण में कहा था कि कम्पनी बहुत प्रदूषण फैलाता है , गाँव के युवक बेरोज़गार है और गांव विकास कोई सहयोग नहीं करता इसीलिए एन.ओ.सी नहीं दिया जाए फिर बाद में सरपंच ने महिंद्रा कंपनी को ग्रामीणों को बताए बिना गुपचुप तरीके से एन.ओ.सी दे दिया।सरपंच बिहारी राम वर्मा द्वारा महिंद्रा से 28 लाख लिए जाने की चर्चा पूरे गाँव में है । ख़राब माहौल को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की कोई घटना न हो। राजू शर्मा को विरोध झेलना पड़ा इसी बीच जिला पंचायत सदस्य राजू शर्मा पहुंचे उसे देखकर ग्रामीण आक्रोशित हो गये और कंपनी के दलाल वापस जाओ कहकर नारे लगाने लगे। ग्रामीणों के माहौल को भापकर राजू शर्मा चुपचाप वापस लौट गये।जनसुनवाई स्थगित l ए डी एम और तहसीलदार से ग्रामीणों ने माँग किया कि सरपंच द्वारा जनसुनवाई की जानकारी गाँव वालों को नही दिया गया है इसलिए इसे स्थगित किया जाय। ग्रामीणों की माँग उचित मानते हुए ए डी एम ने जनसुनवाई स्थगित किए जाने की आवेदन पर हस्ताक्षर किया । सरोरा जंगल को भी किसी को दिए जाने की सुगबुगाहट गाँव वालों के बीच है । पूरे गाँव वाले सरपंच के ख़िलाफ़ हो गए है।