September 28, 2024

अमेरिका ने भारत से कहा-रूस का छोड़ें साथ, नहीं तो चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

वॉशिंगटन. रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) जारी है. ऐसे में भारत शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों में अहम भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है. भारत का यह रुख अमेरिका को रास नहीं आ रहा है. ऐसे में व्हाइट हाउस नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक ब्रायन डीज (Brian Dees) ने भारत को रूस के साथ गठबंधन करने को लेकर चेतावनी दी है. डीज ने कहा है कि मॉस्को (Moscow) के साथ गठबंधन से भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

भारत ने नहीं लगाया प्रतिबंध

राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यूक्रेन पर हमले (Attack on Ukraine) के बाद नई दिल्ली (New Delhi) के रिएक्शन से अमेरिका को निराशा हुई है. हम चीन और भारत दोनों के फैसलों से निराश हुए हैं. जहां अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया (Australia) और जापान (Japan) ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के जवाब में रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए. वहीं, भारत ने मना कर दिया और रूस से तेल के आयात को जारी रखा.

अमेरिका के साथ संबंध होंगे जटिल

उन्होंने कहा कि हमले पर नई दिल्ली की प्रतिक्रिया वॉशिंगटन (Washington) के साथ उसके संबंधों को जटिल बना रही है. बता दें कि डीज की यह टिप्पणी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह द्वारा पिछले सप्ताह अधिकारियों के साथ बैठक के लिए भारत आने के बाद आई है.

भारत के साथ सहयोग जारी

इस सप्ताह की शुरुआत में प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान दलीप ने अपने समकक्षों को यह स्पष्ट कर दिया था कि हम रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में तेजी लाने या बढ़ाने के लिए भारत के हित में नहीं मानते हैं. हालांकि, ये भी कहा गया कि अमेरिका और बाकी 7 देशों के समूह भारत के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे. भारत और अमेरिका खाद्य सुरक्षा और वैश्विक ऊर्जा पर व्यापक सहयोग करते हैं. बता दें कि भारत, रूस के तेल (Russia Oil) और हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है.

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