क्या जरूरी है Covishield वैक्सीन की तीसरी डोज? बूस्टर डोज से क्या होगा फायदा? नए शोध में हुआ खुलासा
Coronavirus vaccine : ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन कोविशील्ड वैक्सीन पर नया शोध हुआ है, जिसके बाद वैज्ञानिक बूस्टर डोज और तीसरी खुराक पर जोर दे रहे हैं।
Coronavirus vaccine: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन कोविशील्ड अपने साइड इफेक्ट्स को लेकर कई तरह के विवादों में घिरी है, फिर भी यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय टीकों में से एक है। हाल के अध्य्यन में खुलासा हुआ है कि कोविशील्ड कोविड के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी असरदार है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के दो डोज लेने में फिलहाल 3-4 महीने का गैप दिया जाता, जो कि अधिक मात्रा में एंटीबॉडी को माउंट करने के लिए मेडीकली तौर पर सिद्ध हो चुका है। अब नए शोध में दावा किया जा रहा है कि अगर वैक्सीन की दो डोज के बीच 12 हफ्तों का अंतर होने की बजाय अगर 45 हफ्तों या 10 महीने का गैप रखा जाए तो ये और भी बढ़िया रिस्पॉन्स मिलेगा।
क्या हमें वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत है?
अधिक से अधिक लोगों को बूस्टर शॉट्स मिलने से हर्ड इम्यूनिटी भी बनी रहेगी और सभी का इम्यून सिस्टम घातक वायरस के खिलाफ अटैक करने में सक्षम रहेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि बूस्टर डोज से हम कोरोना संक्रमण से लंबे समय तक सुरक्षित रह सकेंगे।
वैक्सीन के नए शोध के लीड इंवेस्टिगेटर प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि ये सच में महत्वपूर्ण है। स्टडी का ये डेटा दिखाता है कि हम ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका वैक्सीन की एक और डोज देकर रिस्पॉन्स को और भी बेहतर बना सकते हैं। इससे हम लंबे वक्त तक महामारी से बचे रहेंगे।